विषाणु से होने वाले रोग

विषाणु जनित रोग (Viral Diseases): ऐसे संक्रमण रोग जो विषाणुओ के द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते है , विषाणु जनित रोग कहलाते है।

कुछ मुख्य विषाणु जनित रोग निम्न है-

Trick: रेखा में
हि करके छो पोचे
रेबीज-खसरा-हर्पीज-मेनिनजाइटिस-हिपेटाइटिस-ट्रकोम-छोटीमाता-डेंगू-गलसुआ-इन्फ्लूएंजा-पोलियों-एड्स-चेचक

1) रेबीज / हाइड्रोफोबिया: 
 ↪विषाणु का नाम: रेहब्डो वायरस
 ↪संक्रमण का माध्यम: पागल कुत्ते, लोमड़ी व भेड़िये के  काटने से
 ↪प्रभावित अंग: तांत्रिक तन्त्र
 ↪लक्षण: रोगी पागल हो जाता है जीभ बाहर निकालने लग जाता है तेज बुखार व सिर दर्द रहता है।
 ↪रोकथाम: रेबिजरोधी टीका तथा घाव
को कर्बोक्सीलीक अम्ल या नाइट्रिक अम्ल से धोना चाहिए।

💡रेबीज टीके की खोज लुईस पाश्चर ने की थी।

2) खसरा : 
 ↪विषाणु का नाम: मोर्बेली वायरस
 ↪संक्रमण का माध्यम: वायु व नाक से स्राव के द्वारा
 ↪प्रभावित अंग: सम्पूर्ण शरीर
 ↪लक्षण: शरीर पर लाल दाने, आंख व नाक से पानी बहना
 ↪रोकथाम: गामा ग्लोब्युलिन का टिका व उबला हुआ पानी पीना

3) हर्पीज: 
 ↪विषाणु का नाम: हर्पीज वायरस
 ↪संक्रमण का माध्यम: रोगी की त्वचा द्वारा व शारीरिक सम्बन्ध बनाने पर
 ↪प्रभावित अंग: त्वचा
 ↪लक्षण: शरीर की त्वचा पर खुजली व फफोले
 ↪रोकथाम: एसाइक्लोवीर व वेलेसाइक्लोवीर विषाणुरोधी दवाइयो के सेवन से

4) : मेनिनजाइटिस / तानिकाशोध/ मस्तिष्क ज्वर:
 ↪विषाणु का नाम: एंट्रोवायरस, हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस-2, वेरिसेला जोस्टर वायरस।
 ↪संक्रमण का माध्यम: सेरीब्रोस्पाइनल द्रव से
 ↪प्रभावित अंग: मस्तिष्क
 ↪लक्षण: तेज सर दर्द व बुख़ार
 ↪रोकथाम: मेनिनजाइटिस रोधी टिका व प्रतिजैविक का उपयोग


5) हिपेटाइटिस/ पिलिया/ एनोरेक्सिया: 
 ↪विषाणु का नाम: हिपेटाइटिस A (HAV) , हिपेटाइटिस B (HBV) , हिपेटाइटिस C (HCV) प्रकार के वायरस से
 ↪संक्रमण का माध्यम: रुधिरादान द्वारा , वीर्य व योनि के तरल पदार्थ द्वारा
 ↪प्रभावित अंग: यकृत
 ↪लक्षण: आंख व त्वचा पीली होना , पेशाब पिला होना
 ↪रोकथाम: साफ सफाई व टीकाकरण द्वारा

6) ट्रकोमा: 
 ↪विषाणु का नाम: च्‍लामीदिया ट्रैकोमातिस
 ↪संक्रमण का माध्यम: रोगी व्यक्ति की आंखों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सम्पर्क में आने से
 ↪प्रभावित अंग: आँख
 ↪लक्षण: आँखे लाल होना , पानी निकलना तथा दर्द करना
 ↪रोकथाम: पेनीसिलीन व क्लोरोमाईसीटिन केे प्रयोग से।

7) छोटी माता: 
 ↪विषाणु का नाम: वेरिसेला वायरस
 ↪संक्रमण का माध्यम: रोगी व्यक्ति को छूने या संक्रमित कपड़ो के इस्तेमाल से
 ↪प्रभावित अंग: सम्पूर्ण शरीर
 ↪लक्षण: हल्का बुखार व शरीर पर लाल दाने
 ↪रोकथाम: टीकाकरण व संक्रमित व्यक्ति से दूर रहने से

 8) डेंगू / हड्डी तोड़ बुखार: 
 ↪विषाणु का नाम: अरबो वायरस
 ↪संक्रमण का माध्यम: एडिस एजिप्टी, एडिस एल्बोपिक्टस व क्यूलेक्स फेरीगनसस मच्छरों से
 ↪प्रभावित अंग: सिर व जोड़
 ↪लक्षण: जोड़ो, सर व आँखों मे दर्द , तेज भुखार , हाथ व पैरो पर लाल चकते
 ↪रोकथाम: मच्छरो से सुरक्षा , साफ सफाई व विभिन्न ओषधियाँ

9) गलसुआ / गलगण्ड: 
 ↪विषाणु का नाम: मम्पस वायरस
 ↪संक्रमण का माध्यम: रोगी की लार से
 ↪प्रभावित अंग: पैराथायराइड ग्रन्थि
 ↪लक्षण: सिर दर्द ,गले मे दर्द, तेज बुखार
 ↪रोकथाम: टेरामाइसिन के इंजेक्शन व नमक के पानी से सिकाई

10) इन्फ्लूएंजा: 
 ↪विषाणु का नाम: मिक्सो वॉयरस
 ↪संक्रमण का माध्यम: खाँसने या छिकने से
 ↪प्रभावित अंग: सम्पूर्ण शरीर
 ↪लक्षण: सिर दर्द , शरीर मे दर्द , खाँसी व छिक
 ↪रोकथाम: टेरामाइसिन , टेट्रासाइक्लिन प्रतिजैविक व साफ सफाई


11) पोलियो: 
 ↪विषाणु का नाम: निस्यंदी वायरस
 ↪संक्रमण का माध्यम: मल, संक्रमित भोजन व मच्छरों से
 ↪प्रभावित अंग: नाड़ी तन्त्र , गला व रीढ़ की हड्डी
 ↪लक्षण: रीढ़ की हड्डी में दर्द , आँत में संक्रमण
 ↪रोकथाम: ओरल पोलियो वेक्सीन (OPV) , निष्क्रिय पोलियो वेक्सीन (IPV)

12) एड्स: 
 ↪विषाणु का नाम: HIV (मानव प्रतिरक्षीहीनता वायरस) (रेट्रो विषाणु कुल का सदस्य)
 ↪संक्रमण का माध्यम: सम्भोग द्वारा, रक्तदान द्वारा, संक्रमित सिरिंज के इस्तेमाल से , गर्भवती माँ से बच्चे को
 ↪प्रभावित अंग: प्रतिरक्षा प्रणाली (WBC)
 ↪लक्षण: रोगप्रतिरोधक क्षमता कम हो जाना जिससे जल्दी जल्दी बीमारियों से ग्रसित हो जाते है।
 ↪रोकथाम: प्रतिरेट्रोविषाणु दवाइयों से व जागरूकता फैलाकर

💡एड्स परीक्षण:
   ➡ELISA ( Enzyme linked immune solvent Assy - एन्जाइम सहलग्न प्रतिरक्षा शोषक आमापन )
   ➡PCR (पोलिमरेज श्रृंखला अभिक्रिया)
   ➡ वेस्टर्न ब्लॉट


13) चेचक: 
 ↪विषाणु का नाम: वेरीओला वायरस
 ↪संक्रमण का माध्यम: खाँसने या छिकने से
 ↪प्रभावित अंग: सम्पूर्ण शरीर
 ↪लक्षण: सिर , कमर दर्द , तेज बुखार व शरीर पर लाल दाने
 ↪रोकथाम: टीकाकरण व रोगी से दूरी बनाए रखना

💡चेचक के टीके की खोज एडवर्ड जेनर ने की थी।

➡स्वाइन फ्लू (pig influenza) H1N1 वॉयरस के कारण सुअर से मानव में फैलता है।
➡चिकनगुनिया एडीज एजिप्टी मच्छरों से फैलता है।

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