p-n सन्धि डायोड (p-n Junction Diode)

p-n सन्धि डायोड (p-n Junction Diode): 
जब p -प्रकार के अर्धचालक को n-प्रकार के अर्धचालक से एक विशेष विधि द्वारा जोड़ा जाता है तो इस प्रकार जहाँ दोनो क्रिस्टल आपस मे
जुड़ते है उस स्थान को p-n सन्धि कहते है।

p-प्रकार के क्रिस्टल में होल (छिद्र) बहुसंख्यक होते है तथा n-प्रकार के क्रिस्टल में इलेक्ट्रॉन  बहुसंख्यक होते है इस प्रकार दोनो क्षेत्र विधुत उदासीन हो जाते है।

अवक्षय परत (Depletion Layer):
 सन्धि के सिरों पर एक परत का निर्माण हो जाता है जिसमे आवेश वाहक नही पाए जाते है , उसे अवक्षय परत (Depletion Layer) कहते है। इसकी मोटाई 10-7 मीटर होती है।

विभव प्राचीर (Potential Barrier):
अवक्षय परत के सिरों के सिरों के मध्य उत्पन्न विभवांतर को सम्पर्क विभव या विभव प्राचीर (Potential Barrier) कहते है।
सामान्यतः जर्मेनियम p-n संधि के लिए 0.3 वोल्ट तथा सिलिकॉन p-n संधि के लिए 0.7 वोल्ट होता है।

अग्र अभिनत (Forward Biasing) : जब p-n सन्धि डायोड मे p-प्रकार क्रिस्टल को बैटरी के धन सिरे से तथा n-प्रकार क्रिस्टल को बैटरी के ऋण सिरे से संयोजित करते है तो अग्र अभिनत अवस्था कहलाती है।
इस संयोजन में अवक्षय परत की चौड़ाई कम हो जाती है क्योंकि धारा प्रवाह के लिए सन्धि डायोड का प्रतिरोध कम हो जाता है।
इसमें धारा का प्रवाह बहुसंख्यक आवेश वाहक के कारण होता है।

पश्च / उत्क्रम अभिनत (Backword or Reverse Biasing) : जब p-n सन्धि डायोड मे p-प्रकार क्रिस्टल को बैटरी के ऋण सिरे से तथा n-प्रकार क्रिस्टल को बैटरी के धन सिरे से संयोजित करते है तो उत्क्रम अभिनत अवस्था कहलाती है।
इस संयोजन में अवक्षय परत की चौड़ाई बढ़ हो जाती है क्योंकि धारा प्रवाह के लिए सन्धि डायोड का प्रतिरोध अधिक हो जाता है।
इसमें धारा का प्रवाह अल्पसंख्यक आवेश वाहक के कारण होता है।

कुछ मुख्य सन्धि डायोड :

1) प्रकाश उत्सर्जक डायोड / LED (Light Emitting Diode ): इन डायोड का उपयोग अलग अलग प्रकार के रंग के प्रकाश उत्सर्जित करने में किया जाता है। प्रकाश का रंग उनमे प्रयुक्त अर्धचालक पदार्थ पर निर्भर करता है।
जैसे : गैलियम फास्फाइड (GaP) - हरा रंग ,सिलिकॉन कार्बाइड (SiC) - नीला रंग।
उपयोग : रिमोट में , दिष्टकारी में।

2) जेनर डायोड (Zener Diode) : यह उच्च डोपिंग का p-n सन्धि डायोड है , जो उत्क्रम अभिनत में भी विधुत धारा का प्रवाह करता है।
उपयोग: विधुत परिपथों में स्थिर वोल्टेज के लिए।

3) टनल डायोड (Tunnel Diode) : इनकी p-n सन्धि भारी बर्निश वाले अर्धचालको से बनी होती है ,अतः उच्च डोपिंग युक्त होते है।
उपयोग : यांत्रिक घटना में उत्पन्न विभव अवरोध के अतिक्रमण में।

4) फ़ोटो डायोड (Photo Diode) : यह प्रकाश विधुत प्रभाव पर आधारित डायोड है जिसमे सन्धि पर प्रकाश डालने पर परिपथ में विधुत धारा उत्पन्न हो जाती है। अर्थात यह प्रकाश संसूचक के समान कार्य करता है।
उपयोग : प्रकाश संचालित कुंजियां , कम्प्यूटर पंच कार्ड में।

5) सोलर सेल (Solar Cell ) : प्रकाश ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में रूपांतरित करता है ।इसमें सन्धि बहुत पतले भागो से p तथा n बना होता है।
उपयोग : दिन में सोलर सेल द्वारा बेटरी को आवेशित किया जाता है तथा रात्रि में प्रकाश उत्पन्न करने में उपयोग किया जाता है

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