परिभाषा: आवेश के प्रवाह की दर को विधुत धारा कहते है।
यदि आवेश धनात्मक है तो विधुत धारा की दिशा आवेश की गति की दिशा में ही होगी, और यदि
आवेश ऋणात्मक है तो विधुत धारा की दिशा आवेश की गति के विपरीत होगी।
विधुत धारा का मात्रक एम्पियर होता है। इसका मापन अमीटर की सहायता से किया जाता है। अमीटर को विधुत परिपथ में श्रेणीक्रम में संयोजित किया जाता है।
एक आदर्श अमीटर का प्रतिरोध शून्य होना चाहिए।
विधुत धारा का मापन निम्न सूत्र से किया जाता है-
I = Q/t
जहाँ I = विधुत धारा
Q = आवेश
t = समय
Q = ne जहाँ e= इलेक्ट्रॉन पर आवेश है अर्थात 1.6×10^-19 है।
विधुत धारा के प्रकार - धारा दो प्रकार की होती है
1) दिष्ट धारा (DC) -धारा का परिणाम व दिशा समय के साथ नही बदलता।
2) प्रत्यावर्ती धारा (AC)- धारा का परिणाम व दिशा समय के साथ परिवर्तित होता है।
यदि आवेश धनात्मक है तो विधुत धारा की दिशा आवेश की गति की दिशा में ही होगी, और यदि
आवेश ऋणात्मक है तो विधुत धारा की दिशा आवेश की गति के विपरीत होगी।
विधुत धारा का मात्रक एम्पियर होता है। इसका मापन अमीटर की सहायता से किया जाता है। अमीटर को विधुत परिपथ में श्रेणीक्रम में संयोजित किया जाता है।
एक आदर्श अमीटर का प्रतिरोध शून्य होना चाहिए।
विधुत धारा का मापन निम्न सूत्र से किया जाता है-
I = Q/t
जहाँ I = विधुत धारा
Q = आवेश
t = समय
Q = ne जहाँ e= इलेक्ट्रॉन पर आवेश है अर्थात 1.6×10^-19 है।
विधुत धारा के प्रकार - धारा दो प्रकार की होती है
1) दिष्ट धारा (DC) -धारा का परिणाम व दिशा समय के साथ नही बदलता।
2) प्रत्यावर्ती धारा (AC)- धारा का परिणाम व दिशा समय के साथ परिवर्तित होता है।
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