विटामिन (vitamins)

विटामिन (Vitamins) : 
यह ऐसा कार्बनिक योगिक है जिससे किसी भी प्रकार की ऊर्जा प्राप्त नही होती (केलोरी = शून्य ) है , यह मानव में होने वाली उपापचय क्रियाओ को नियंत्रित करता है।
विटामिन की खोज एजिकमेन हापकिंग ने थी तथा विटामिन नाम
फंक ने दिया था।
घुलनशीलता के आधार पर विटामिन दो प्रकार के होते है - 
1) वसा में घुलनशील विटामिन : ऐसे विटामिन जो वसा या तेल में घुलनशील होते है , उन्हें वसा में घुलनशील विटामिन कहते है। ये 4 होते है-
विटामिन A , विटामिन D , विटामिन E , विटामिन K
trick :कीड़ा (KEDA)
2) जल में घुलनशील विटामिन : ऐसे विटामिन जो जल में घुलनशील होते है , उन्हें जल में घुलनशील विटामिन कहते है। ये 2 होते है-
विटामिन B और विटामिन C
(विटामिन B12 जल में विलेय नही होता है)

💡 विटामिनों का संश्लेषण हमारे शरीर मे नही होता है इनकी पूर्ति विटामिन युक्त भोजन  से होती है, लेकिन विटामिन D और K का संश्लेषण शरीर में होता है।

💡विटामिन D का संश्लेषण पराबैंगनी किरणों द्वारा त्वचा  के कोलेस्ट्रॉल में होता है। 

💡विटामिन K का संश्लेषण कोलन में होता है।

विभिन्न विटामिन और उनके कार्य :

 1) विटामिन A : इसका रासायनिक नाम रेटिनॉल है। इसके मुख्य स्रोत गाजर , पीले फल जैसे  शकरकंद  पपीता आम आदि , हरी सब्जिया  है। इसकी कमी से रतौन्धी तथा जिरोफ्थेेलमिया रोग होते है।

2) (a) विटामिन B1 : इसका  रासायनिक नाम थाइमिन है। इसके मुख्य स्रोत अंकुरित अनाज, सुखी मिर्च, बिना पालिश वाली दाले है। इसकी कमी सके बेरी बेरी रोग हो जाता है।

(b) विटामिन B2 : इसका रासायनिक नाम राइबोफ्लेविन है। इसके मुख्य स्रोत पनीर, मांस, मशरूम है। इसकी कमी से जीभ, त्वचा , व होंठ कट जाते है।

(c) विटामिन B3 : इसका रासायनिक नाम नियोसिन / निकोटिक अम्ल है। इसके मुख्य स्रोत यीस्ट, यकृत मछली, साबुत अनाज है। इसकी कमी से  पेलाग्रा(त्वचा पर दाद) रोग होता है।

(d) विटामिन B5 : इसका रासायनिक नाम पेंटोथेनिक अम्ल है। इसके मुख्य स्रोत मूंगफली , टमाटर , दूध शहद है। इसकी कमी से बालो का सफेद होना , बालो का गिरना रोग होते है।

(e) विटामिन B6 : इसका रासायनिक नाम पाइराडॉक्सिंन है। इसके मुख्य स्रोत साबुत अनाज, मटर , मांस है। इसकी कमी से एनीमिया व त्वचा  रोग होते है।

(f) विटामिन B7 : इसका रासायनिक नाम बायोटिन है। इसके मुख्य स्रोत अंडे, मांस , दूध है। इसकी कमी से शरीर मे कमजोरी , बालो का गिरना, मांसपेशियों के नियंत्रण में कमी जैसे रोग होते है।

(g) विटामिन B11 : इसका रासायनिक नाम फॉलिक अम्ल है। इसके मुख्य स्रोत हरी पत्तेदार सब्जियां , दाल है। इसकी कमी से मेगालोब्लास्टिक एनीमिया रोग होता है।

(h)विटामिन B12 : इसका रासायनिक नाम सायनोकोबालामीन है। इसके मुख्य स्रोत मांस , यकृत , दूध है। इसकी कमी से परणासी एनीमिया तथा पांडुरोग   हो जाता है।

(i) विटामिन 17 : इसका रासायनिक नाम लेटराइट या एमीगडलीन है। इसके मुख्य स्रोत गेहूँ  जूस व घास है। यह प्रतिकेन्सर गुण रखता है, अतः इसका उपयोग केंसर के इलाज में किया जाता है।

3) विटामिन C : इसका रासायनिक नाम एस्कार्बिक अम्ल है। इसके मुख्य स्रोत खट्टे फल जैसे आँवला, नींबू , सन्तरा , नारंगी आदि  है। इसकी कमी से स्कर्वी रोग होता है।

4) विटामिन D : इसका रासायनिक नाम केल्सिफेरोल है। इसके मुख्य स्रोत मछली यकृत तेल , सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में त्वचा द्वारा संश्लेषण होता है। इसकी कमी से बच्चो में रिकेट्स तथा वयस्क में ऑस्टियोमलेशिया रोग होता है।

5) विटामिन E : इसका रासायनिक नाम टोकोफेरोल है। इसके मुख्य स्रोत वनस्पति तेल , सूर्यमुखी तेल तथा पत्तेदार हरि सब्जियां है। इसकी कमी से जनन क्षमता में कमी  हो जाती है।

6) विटामिन K : इसका रासायनिक नाम फिलोक्वीनॉन है। इसके मुख्य स्रोत हरी सब्जियां , आँत में कोलोन द्वारा संश्लेषण है। इसकी कमी से रक्त का थक्का नही बनता है।

कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु :
1) विटामिन B12 में कोबाल्ट पाया जाता है।
2) एल्कोहल यकृत में B1 के उपापचय में बाधा पहुचाता है।
3) विटामिन B2 को पीला एंजाइम कहा जाता है।
4) विटामिनों से ऊर्जा प्राप्त नही होती है।
5) विटामिनों को रक्षात्मक पदार्थ कहा जाता है।
6) कच्चे अंडे के सफेद भाग में एविडिन प्रोटीन होता है विटामिन B7 के अवशोषण को रोकता है अतः कच्चा अंडा नही खाना चाहिए।
7) वसा में विलेय विटामिन यकृत में संग्रहीत रहते है।
8) जल में विलेय विटामिन शरीर मे एकत्रित नही रहते है ये मूत्र के साथ निष्काषित हो जाते है।



     

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