सोडियम (Na):
➡ सोडियम का परमाणु क्रमांक 11 है तथा द्रव्यमान संख्या 23 (11 प्रोटोन+12 न्यूट्रॉन) है।➡ इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : 1s², 2s², sp⁶, 3s¹
➡ भू पर्पटी में मात्रा - 2.27%
➡ निष्कर्षण की विधि - कास्टनर विधि (गलित सोडियम हाइड्रोक्साइड के विधुत अपघटन के द्वारा) तथा डाउन विधि (सोडीयम क्लोराइड के विधुत अपघटन द्वारा)।
गुणधर्म:
1. हल्की तथा धातु के समान सफेद धातु है।
3. यह उच्च क्रियाशील धातु है, नमी युक्त वायु की उपस्थिति में सोडीयम का ऑक्साइड बनाती है, जो उच्च ऊर्जा मुक्त करती है। जो विस्फ़ोट के साथ बाहर निकलती है, इसलिए सोडियम को केरोसिन में डुबोकर रखा जाता है।
4. सोडीयम जल से अभिक्रिया करके, हाईड्रोजन गैस मुक्त करता है।
5.सोडीयम बेंजीन में विलय होता है।
6. सोडीयम अमोनिया से अभिक्रिया करके सोडामाइड बनाता है।
सोडियम के उपयोग:
1. अपचायक के रूप में।
2. एन्टीस्केलिंग कारक के रूप में।
3. नाभिकीय रियक्टरों में द्रव शीतलक के रूप में।
4. TEL (टेट्रा एथिल लेड) के निर्माण में।
5. मिश्रधातुओं के निर्माण में।
सोडीयम के योगिक:
1. सोडियम क्लोराइड (NaCl):
👉 इसे साधारण नमक या टेबल सॉल्ट भी कहते है।
👉समुद्री जल में घुले लवणों से सोडियम क्लोराइड को वाष्पीकरण प्रक्रिया द्वारा प्राप्त करते है।
👉अचार , मॉस व मछली के परिरक्षण में उपयोग लेते है।
👉निम्न दाब तथा औसत ताप पर सोडियम क्लोराइड को बर्फ़ के साथ मिलाकर हिम मिश्रण तैयार किया जाता है।
👉शुद्ध सोडियम क्लोराइड वातावरण से नमी ग्रहण नही करता है, बल्कि इसमें उपस्थित MgCl₂ तथा CaCl₂ अशुद्धि के कारण नमी ग्रहण करता है।
👉डिहाइड्रेशन के समय मानव शरीर मे लवण की कमी हो जाती है।
2. सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH):
👉इसे कॉस्टिक सोडा या दाहक सोडा के नाम से जानते है।
👉इसे दाहक सोडा इसलिए कहते है क्योंकि यह त्वचा और मांस की प्रोटीन को विखंडित करके एक पेस्ट जैसा पदार्थ बनाता है।
👉वायु में खुला रहने पर यह द्रव में रहता है तथा वातावरण में उपस्थित CO₂ से अभिक्रिया करके Na₂CO₃ के सफेद पाउडर में बदल जाता है।
👉इसका प्रयोग pH को नियमित करने में, पेट्रोलियम के शोधन में, कागज व सिल्क उद्योग में होता है।
3. सोडियम कार्बोनेट (Na₂CO₃):
👉इसे सोडा ऐश के नाम से जानते है।
👉इसका डेकाहाइड्रेट अर्थात Na₂CO₃.10H₂O को धावन सोडा या धोने का सोडा (वाशिंग सोडा) के नाम से जानते है।
👉इसका जलीय विलयन क्षारीय होता है।
👉इसका प्रयोग जल की स्थायी कठोरता दूर करने में किया जाता है।
4. सोडियम बाइकार्बोनेट (NaHCO₃):
👉इसे बेकिंग सोडा या खाने के सोडे के नाम से जाना जाता है।
👉जब बैकिंग सोडे को टार्टरिक अम्ल के साथ मिलाया जाता है तो उसे बेकिंग पाउडर कहते है।
👉इसका उपयोग खाद्य पदार्थों को स्पंजी बनाने में तथा अग्निशमन यंत्र में किया जाता है।
5. ग्लॉबर सॉल्ट (Na₂SO₄.10H₂O):
👉इसका उपयोग निर्जलीकारक के रूप में, कागज, दवाई, तथा अपमार्जक के निर्माण में किया जाता है।
6. सोडियम थायोसल्फेट (Na₂S₂O₃.5H₂O):
👉इसे हाइपो के नाम से जाना जाता है।
👉इसका निर्माण सोडियम सल्फेट व सल्फर के जलीय विलयन की अभिक्रिया सोडियम हाइड्राक्साइड से करवाकर किया जाता है।
👉इसका उपयोग फोटोग्राफी में फ़िल्म के स्थायीकरण में किया जाता है।
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